हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
अगर उससे लिया गया ख़ून रीति के अनुसार थोड़ी मात्रा में था, तो उसका रोज़ा सही है और उसके लिए उस दिन की क़ज़ा करना ज़रूरी नहीं है। यदि लिया गया ख़ून रीति के अनुसार बहुत अधिक था, तो वह उस दिन की क़ज़ा करेगा ताकि वह विद्वानों की असहमति से बच सके, तथा अपने दायित्व को पूरा करने के लिए सावधानी बरतते हुए।
और अल्लाह ही सामर्थ्य प्रदान करने वाला है। तथा अल्लाह हमारे नबी मुहम्मद और उनके परिवार और साथियों पर दया और शांति अवतरित करे।