हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
इफ्ता की स्थायी समिति से निम्नलिखित प्रश्न किया गया :
(जुमा की नमाज़ के शुद्ध (सही) होने के लिए कितने लोगों की संख्या का होना शर्त है ? क्योंकि कुछ लोगों का कहना है कि : वह बिना चालीस आदमियों के शुद्ध नहीं हो सकती है, यदि वे चालीस की संख्या से एक भी कम हैं तो वे ज़ुहर की नमाज़ पढ़ेंगे ?
उत्तर
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मुसलमानों पर उनके गाँवों में जुमा के दिन जुमा की नमाज़ को स्थापित करना अनिवार्य है और उसके शुद्ध होने के लिए जमाअत का होना शर्त है। तथा उसके शुद्ध होने के लिए किसी निर्धारित संख्या की शर्त होने पर कोई शरई दलील (धार्मिक प्रमाण) साबित नहीं है, अतः उसके शुद्ध होने के लिए उसे तीन या उससे अधिक लोगों के द्वारा क़ायम करना काफी है, और जिस व्यक्ति पर जुमा अनिवार्य हो गया है उसके लिए विद्वानों के शुद्ध कथन के अनुसार चालीस से संख्या कम होने के कारण उसके स्थान पर ज़ुहर की नमाज़ पढ़ना जाइज़ नहीं है। और अल्लाह सर्वशक्तिमान ही तौफीक़ प्रदान करने वाला है, तथा अल्लाह हमारे संदेष्टा मुहम्मद, आपके परिवार और साथियों पर दया और शांति अवतरित करे।)