40389
01-06-2020
यदि शेष दिन पर्याप्त नहीं हैं तो क्या वह क़ज़ा करने से पहले शव्वाल के छ: रोज़े से शुरूआत करेगा ?
01-06-2020
39328
29-05-2020
शव्वाल के छ: रोज़ों के साथ रमज़ान की क़ज़ा को एक ही नीयत में एकत्रित करना शुद्ध नहीं है
29-05-2020
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23-05-2020
शव्वाल के महीने के दूसरे दिन रोज़ा रखना जायज़ है।
23-05-2020
39234
13-04-2020
रोज़े के फ़िद्या में खाना खिलाने के बदले पैसा निकालना जायज़ नहीं है
13-04-2020
26212
09-04-2020
जिस व्यक्ति पर रमज़ान के रोज़े हों, जिनकी संख्या उसे याद न हो
09-04-2020
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07-04-2020
उसने दो साल रोज़े नहीं रखे और अब वह क़ज़ा करने में असक्षम है, तो उसे क्या करना चाहिए?
07-04-2020
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12-04-2019
वह रोज़े की क़ज़ा शुरू करने से पहले गर्भवती होगई और वह रोज़ा रखने में सक्षम नहीं है
12-04-2019
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21-04-2018
जो व्यक्ति बिना किसी उज़्र के रमज़ान का रोज़ा न रखे अथवा बीच रमज़ान में जानबूझ कर रोज़ा तोड़ दे तो क्या उस पर क़ज़ा करना अनिवार्य है?
21-04-2018
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31-08-2017
तश्रीक़ के दिनों में अनिवार्य रोज़े की क़ज़ा करना सही नहीं है
31-08-2017
7863
02-07-2017
क्या वह शव्वाल के छः रोज़े रखना शुरू कर सकता है जबकि उसके ऊपर रमज़ान की क़ज़ा बाक़ी है
02-07-2017
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16-05-2017
रमज़ान के रोज़ों की क़ज़ा में निरंतरता अनिवार्य नहीं है
16-05-2017
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22-08-2012
क्या महिला को रमज़ान की क़ज़ा से शुरूआत करनी चाहिए या शव्वाल के छ: रोज़े से ?
22-08-2012
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08-07-2011
25 वर्ष हुए उसने बीमारी के कारण रमज़ान का रोज़ा तोड़ दिया और अभी तक उसकी कज़ा नहीं किया
08-07-2011
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03-07-2011
वे लोग कम्युनिस्ट शासन के अधीन थे और उन्हें नमाज़ और रोज़े का कुछ भी ज्ञान नहीं था तो क्या उन पर क़ज़ा अनिवार्य है ॽ
03-07-2011
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