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यात्री को नमाज़ कैसे पढ़ना चाहिएॽ

26-03-2019

प्रश्न 82658

मैं एक महीने के लिए बाहर यात्रा पर जा रहा हूँ और मैं इस अवधि के दौरान नमाज़ अदा करने का सबसे आसान तरीका जानना चाहता हूँ।

उत्तर का पाठ

हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.

सर्व प्रथम :

यदि आप ने उस शहर में चार दिनों से अधिक समय तक ठहरने का संकल्प किया है जिसकी आप यात्रा कर रहे हैं, तो आप उसमें प्रवेश करने के क्षण ही से वहाँ के निवासी के रूप (हुक्म) में समझे जाएंगे। इसलिए आपको वही करना होगा जो एक निवासी करता है अर्थात नमाज़ को पूरी पढ़ेंगे और आपके लिए नमाज़ को क़स्र करके पढ़ना जायज़ नहीं है।

आप यात्रा के दौरान नमाज़ क़स्र करके पढ़ेंगे, लेकिन जब आप उस शहर में पहुँच जाएंगे तो आप नमाज़ पूरी पढ़ेंगे, क्योंकि आप एक निवासी के रूप (हुक्म) में हो जाएंगे।

''स्थायी समिति के फतावा'' (8/99) में आया हैः ''वह यात्रा जिसमें यात्रा की रियायतों का लाभ उठाना धर्मसंगत है, वह है जिसे लोगों के उर्फ (परंपरा) में यात्रा समझा जाए, और उसकी दूरी लगभग अस्सी किलोमीटर है। जिसने इस या इससे अधिक दूरी तय करने के लिए यात्रा किया, तो वह यात्रा की रियायतों का लाभ उठा सकता है, जैसे कि तीन दिनों और तीन रातों के लिए मोज़े पर मसह करना, नमाज़ को इकट्ठा करके और क़स्र करके पढ़ना, रमज़ान के दौरान रोज़ा न रखना। यह यात्री यदि किसी शहर में चार दिनों से अधिक समय तक रहने का इरादा रखता है, तो वह यात्रा की रियायतों का लाभ नहीं उठाएगा। और यदि वह चार दिन या उससे कम समय तक वहाँ रहना चाहता है, तो वह यात्रा की रियायतों का लाभ उठा सकता है। परंतु वह यात्री जो किसी शहर (स्था) में ठहरता है, लेकिन यह नहीं जानता कि उसकी आवश्यकता कब पूरी होगी और उसने अपने निवास के लिए एक निश्चित अवधि नहीं निर्धारित की है, तो वह यात्रा की रियायतों का लाभ उठा सकता है, भले ही वह लंबे समय तक रहे। तथा थल में यात्रा करने और जल में यात्रा करने में कोई अंतर नहीं है।'' उद्धरण समाप्त हुआ।

दूसरा :

जहाँ तक नमाज़ को इकट्ठा करने का संबंध है, तो यात्री के लिए ज़ुहर और अस्र की नमाज़ के एकसाथ, तथा मग़रिब और इशा की नमाज़ को एकसाथ पढ़ना जायज़ है, चाहे वह दोनों नमाज़ों को पहली नमाज़ के समय में अथवा बाद वाली नमाज़ के समय में पढ़े, उसके लिए जो सबसे आसान हो। लेकिन बेहतर यह है कि वह ऐसा उसी समय करे जब उसके लिए हर नमाज़ को उसके समय पर अदा करना मुश्किल हो।

इसके आधार पर, आप यात्रा के दौरान दो नमाज़ों को एक साथ पढ़ सकते हैं, लेकिन जब आप उस स्थान पर पहुँच जाएं जहाँ आप एक महीने तक ठहरने का इरादा रखते हैं, तो आप हर नमाज़ को उसके समय पर पढ़ेंगे।

तीसरा :

आपको ज्ञात रहना चाहिए कि जमाअत के साथ (मण्डली में) नमाज़ पढ़ना अन्य लोगों की तरह यात्री पर भी अनिवार्य है। इस बात का उल्लेख प्रश्न संख्या (21498 ) के उत्तर में किया जा चुका है। अतः आप मस्जिद में जमाअत के साथ नमाज़ पढ़ने के लालायित बनें।

और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।

यात्री की नमाज़
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