हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
‘‘स्नान करने के बाद एहराम बाँधने के समय स्नान करना सुन्नत है, यह इसलिए कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने अपने एहराम बाँधने के लिए सुगंध का प्रयोग किया है। आयशा रज़िल्लाहु अन्हा कहती हैं कि : ‘‘मैं नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को उनके एहराम बाँधने से पहले उनके एहराम के लिए सुगंध लगाती थी।’’ तथा मुश्क (कस्तूरी) की चमक आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के सिर के माँग में दिखाई पड़ती थी जबकि आप एहराम की हालत में होते थे।’’ अंत हुआ।
मजमूउल फतावा लिब्ने उसैमीन (22/9).