हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
‘‘मोहरिम के लिए आवश्यकता पड़ने पर मास्क पहनने में कोई आपत्ति की बात नहीं है, उदाहरण के तौर पर इन्सान की नाक में एलर्जी हो और उसे मास्क पहनने की ज़रूरत हो, या वह घने धुंए से गुज़र रहा हो तो उसे मास्क की आवश्यकता हो, या वह किसी दुर्गंध से गुज़र रहा हो तो उसे मास्क की ज़रूरत पड़ जाए, तो कोई हानि की बात नहीं है।’’ अंत हुआ।
‘‘मजमूओ फतावा इब्न उसैमीन’’ (22/130, 131)