शुक्रवार 7 जुमादा-1 1446 - 8 नवंबर 2024
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पारदर्शी चिकित्सकीय मोज़े पर मसह करना

प्रश्न

मैं यूनान के राज्य में अध्ययन कर रहा हूँ और मेरी पत्नी छह महीने की गर्भवती है। मेरी पत्नी गर्भावस्था के परिणामस्वरूप दोनों पैरों में वैरिकाज़ नसों (अपस्फीत शिरा) की बीमारी से पीड़ित है। इसलिए डॉक्टर ने उसे लचीला चिकित्सकीय मोज़ा (संपीड़न स्टॉकिंग) पहनने के लिए कहा, जो कि पारदर्शी है जिससे शरीर (त्वचा) दिखाई देता है। उन्होंने रात को छोड़कर उसे पूरे दिन पहनने के लिए कहा है। ज्ञात रहे कि मोज़ा पैंट की तरह पूर्ण और ऊपर तक है, केवल पैर के लिए नहीं है। उसके लिए वुज़ू करना कैसे संभव हैॽ क्या वह केवल मोज़े पर मसह करेगी, यदि ऐसा है तो वह मसह कैसे करेगीॽ ज्ञात रहे कि मोज़े को पहनना और निकालना कठिन है, क्योंकि यह लचीला और रबर की तरह है। हमें अवगत कराएं, अल्लाह आपको आशीर्वाद दे।

उत्तर का पाठ

हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.

हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है।

अधिकांश विद्वानों का मत यह है कि पारदर्शी मोज़े पर मसह करने की अनुमति नहीं है, और यह कि इसकी अनुमति केवल मोटे मोज़ों के साथ विशिष्ट है।

प्रश्न संख्या (228222) देखें।

अतः यदि यह मोज़ा इतना हल्का (महीन) है कि उसके नीचे का शरीर प्रकट होता है तो राजेह यह है कि उस पर मसह नहीं किया जाएगा।

लेकिन अगर रोगी को उसकी ज़रूरत है और उसके लिए हर वुज़ू के समय उसे निकालना कठिन है, तो उसे चाहिए की उसे पहनने से पहले वुज़ू कर ले, फिर उसके ऊपर एक अन्य मोटा मोज़ा पहन ले। फिर जब उसे वुज़ू की ज़रूरत पड़ेः तो ऊपरी मोज़े पर मसह करे यहाँ तक कि उसे उतार दे, या मसह की अवधि पूरी हो जाए।

यदि वह ऐसा करने में सक्षम नहीं है और चिकित्सकीय मोज़ा उतारने से उसे नुकसान पहुँचता है, या उसके रोग के निवारण में देरी लग सकती हैः तो उसका हुक्म पट्टी का हुक्म है, वह उसके पूरे हिस्से पर ऊपर और नीचे मसह करेगा. अर्थात उतनी जगह पर जिसका वुज़ू में धोया जाना आवश्यक है।

तथा प्रश्न संख्या (192736) देखें।

अगर आपकी पत्नी रात में मोज़े को उतार देती है, तो वह जब फ़ज्र की नमाज़ पढ़ना चाहेगी तो वुज़ू करेगी, फिर इस चिकित्सकीय मोज़े को पहन लेगी फिर उसके ऊपर एक दूसरा मोटा मोज़ा पहन लेगी फिर ऊपर वाले मोज़े पर मसह करेगी और मसह का हुक्म उसी (ऊपरी मोज़े) के लिए होगा नीचे वाले मोज़े का नहीं। जब रात आ जाए तो दोनों मोज़ों को उतार दे, फिर जब फज्र के लिए वुज़ू करना चाहे तो वैसे ही करे जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया और इसी प्रकार वह करती रहे।

 मैंने इस सवाल को अपने शैख अब्दुर्रहमान अल-बर्राक (अल्लाह उनकी रक्षा करे) से पूछा, तो उन्हों ने बताया कि इस मोज़े में दो चीज़ें एक साथ पाई जाती हैं :

एक रूप से यह पट्टी के समान है क्योंकि उसे आवश्यकता के कारण पहना जा रहा है, जबकि दूसरे रूप से वह मोज़े के समान है। मेरे निकट वह अपने पैर में धोने के स्थान पर मसह कर सकती है, और वह अवधि के संदर्भ में और पवित्रता की अवस्था में पहनने के एतिबार से मोज़े का मामला करेगी।

और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।

स्रोत: साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर