हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
अल्लाह सर्वशक्तिमान ने मनुष्य को एक अच्छे मध्यम रूप में बनाया है, जो इस जीवन और उसकी ज़िम्मेदारियों के लिए बाहरी और आंतरिक रूप से अनुकूल है। अल्लाह सर्वशक्तिमान ने फरमाया :
لَقَدْ خَلَقْنَا الْإِنْسَانَ فِي أَحْسَنِ تَقْوِيمٍ [التين : 4].
“निःसंदेह हमने इनसान को सबसे अच्छी संरचना में पैदा किया है।” (सूरतुत-तीन : 4)
इसीलिए अल्लाह सर्वशक्तिमान ने मनुष्य के लिए ख़ूबसूरती और सुंदरता की तलाश में अपनी संरचना को बदलना हराम घोषित किया है। क्योंकि इसमें अल्लाह द्वारा बनाई गई चीज़ों पर आपत्ति जताना है, और मनुष्य का उससे बेहतर करने की इच्छा करना है।
लेकिन अगर यह बदलाव ख़ूबसूरती और सुंदरता प्राप्त करने के लिए नहीं है। बल्कि किसी उपस्थित दोष को दूर करने, या किसी आशंकित हानि को रोकने के लिए है; तो ऐसी स्थिति में परिवर्तन जायज़ है, इसमें कोई आपत्ति की बात नहीं है।
तथा प्रश्न संख्या : (129370 ) का उत्तर देखें।
अब्दुल्लाह बिन मसऊद रज़ियल्लाहु अन्हु से वर्णित है कि उन्होंने कहा : “अल्लाह ने, गुदना गोदने वालियों, गुदना गोदवाने वालियों, चेहरे के बाल उखाड़ने वालियों, चेहरे के बाल उखड़वाने वालियों और सुंदरता के लिए दाँतों के बीच विस्तार पैदा करने वालियों, अल्लाह की रचना को बदलने वालियों पर लानत की। मैं उस पर क्यों लानत न करूँ जिस पर अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने लानत की। और यह तो अल्लाह की किताब में मौजूद है :
وَمَا آتَاكُمُ الرَّسُولُ فَخُذُوهُ وَمَا نَهَاكُمْ عَنْهُ فَانتَهُوا
“और रसूल जो कुछ तुम्हें दें, उसे ले लो और जिस चीज़ से तुम्हें रोक दें, उससे रुक जाओ।" (सूरतुल हश्र : 7)”
इसे बुख़ारी (हदीस संख्या : 5931) और मुस्लिम (हदीस संख्या : 2125) ने रिवायत किया है।
नववी रहिमहुल्लाह ने कहा :
“हदीस के शब्द : (सुंदरता के लिए दाँतों के बीच विस्तार पैदा करने वालियों) का मतलब यह है कि वे सुंदता प्राप्त करने के उद्देश्य से ऐसा करती हैं, और इसमें इस बात का संकेत है कि निषिद्ध वह है जो सुंदरता प्राप्त करने के उद्देश्य से किया गया है। लेकिन अगर उसे उपचार के लिए, या दाँतों में किसी दोष और इसी तरह की किसी खराबी की वजह से ऐसा करने की आवश्यकता है, तो कोई हर्ज नहीं है। और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।” “शर्ह सहीह मुस्लिम (14/106-107) से उद्धरण समाप्त हुआ।
यदि यह जन्म चिह्न इस तरह से है कि वह आपको नुकसान पहुँचाता है, जैसे कि उसकी ओर देखने वाले को घृणित करने का कारण बनता है, और आप शादीशुदा हैं या शादी करने वाले हैं, और आपको डर है कि इस वजह से पत्नी आपसे घृणित हो जाएगी; तो इस स्थिति में आपके लिए इसे हटाने में कोई आपत्ति की बात नहीं है।
शैख़ इब्ने उसैमीन रहिमहुल्लाह से पूछा गया :
“यह एक लड़की है, जिसके चेहरे पर तिल के दाने की तरह छोटे-छोटे काले धब्बे हैं, और ये बहुत हैं; छः से आठ अलग-अलग धब्बे हैं। वह कहती है : अस्पताल में लेज़र या किसी अन्य तरीक़े से ऐसे धब्बों के हटाने का क्या हुक्म हैॽ
तो उन्होंने (अल्लाह उनपर दया करे) उत्तर दिया : इन्हें हटाने में कोई आपत्ति की बात नहीं है। क्योंकि इतनी बड़ी संख्या के साथ जिसका उसने उल्लेख किया है, ये निःसंदेह चेहरे को विकृत करते हैं, और इस बात का कारण बनते हैं कि लोग उन्हें देखने से घृणा करें।
इस विषय में नियम यह है कि : जो सौंदर्यीकरण के उद्देश्य से किया जाता है वह निषिद्ध है, और जो दोष को दूर करने के लिए क्या किया जाता है वह अनुमेय है। पहली बात का प्रमाण यह है कि : “नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने गुदना गोदने वाली और गुदना गोदवाने वाली, तथा दाँतों को तेज़ व बारीक करने वाली और दाँतों को तेज़ व बारीक करवाने वाली महिला पर लानत की।” गुदना त्वचा में रंग भरना और दाँत को तेज़ व बारीक करने का मतलब दाँतों को रेती आदि से घिसना है; क्योंकि यह सौंदर्यीकरण (सुशोभित होना) के उद्देश्य से किया जाता है। है।
दूसरी बात का प्रमाण : अर्थात् दोषों को हटाने की वैधता का सबूत यह है कि : “नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने उस व्यक्ति को, जिसकी नाक काट दी गई थी, यह अनुमति प्रदान की कि वह चाँदी की नाक लगा ले। तो उसने ऐसा ही किया, लेकिन उससे बदबू आने लगी, तो आपने उसे चाँदी के बदले सोने की नाक लगाने का आदेश दिया।” क्योंकि यह दोष को दूर करने के उद्देश्य से है।
इसलिए आप इस नियम को जान लें और इससे लाभान्वित हो। इसके आधार पर, जो महिलाएँ अपने चेहरे के कालेपन को सफेदी में बदलने की कोशिश करती हैं : उनका प्रयास निषिद्ध (हराम) है; क्योंकि यह अल्लाह की रचना को बदलने के अध्याय के अंतर्गत आता है, इसलिए कि यह केवल सुंदरता प्राप्त करने के लिए है।
अगर कोई कहने वाला, कहे : आप आँख के भेंगेपन को सही करने के बारे में क्या कहते हैंॽ क्या यह सौंदर्यीकरण के अध्याय से है या दोष को दूर करने के अध्याय से हैॽ
तो उसका उत्तर यह है : यह दोष को दूर करने के अध्याय से है। इसलिए यह जायज़ है। इसी तरह अगर दाँतों में स्पष्ट उभार है, जो एक दोष माना जाता है, तो उन्हें सीधा करवाने में कोई आपत्ति की बात नहीं है ताकि वे दूसरे दाँतों की पंक्तियों के बराबर हो जाएँ।” “फतावा नूरुन अलद-दर्ब” (11/83) से उद्धरण समाप्त हुआ।
यदि इस जन्म चिह्न से किसी तरह की त्वचा की बीमारी की आशंका है, जैसा कि कुछ डॉक्टरों ने कहा है : तो इसे हटाने की अनुमति का पक्ष मज़बूत है।
अतः हम आपको किसी विश्वसनीय त्वचा विशेषज्ञ को दिखाने की सलाह देते हैं।
और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।