हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
शैख इब्ने उसैमीन रहिमहुल्लाह कहते हैं :
इज़ार (तहबंद) के ऊपर बेल्ट बाँधने में कोई हर्ज और आपत्ति की बात नहीं है।
जहाँ तक प्रश्नकर्ता के यह कहने का संबंध है कि “उसकी सिलाई की गई होती है”, तो यह कथन कुछ आम लोगों की गलत समझ पर आधारित है, क्योंकि उन्होंने यह सोचा कि विद्वानों के कथन : “मोहरिम के लिए सिला हुआ कपड़ा हराम है” से अभिप्राय वह कपड़ा है जिसमें सिलाई का कार्य हो। हालाँकि ऐसा नहीं है। बल्कि सिले हुए कपड़े से विद्वानों का मतलब वह कपड़ा है कि जो शरीर के अंग के आकार के अनुसार बनाया गया हो और उसे उसके नियमित रूप में पहना जाए, जैसे- शर्ट (क़मीज़), पैंट (शलवार, पाजामा) और टी-शर्ट (बनियान) इत्यादि। विद्वानों का मतलब वह कपड़ा नहीं है जिसमें सिलाई का कार्य हो। अत: यदि कोई व्यक्ति पैवंद (चकती) लगी हुई चादर (ऊपरी वस्त्र) या पैवंद लगे हुए इज़ार (तहबंद) में एहराम बाँधे, तो इसमें उसके लिए कोई हर्ज नहीं है, भले ही उसका एक हिस्सा दूसरे हिस्से से सिल दिया गया होता है।” उद्धरण समाप्त हुआ।