हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
आपके द्वारा उल्लिखित ऑनलाइन स्टोर में हमने वह रूप नहीं पाया जिसे आपने ऑनलाइन बिक्री पुष्टिकरण का नाम दिया है।
लेकिन चूँकि यह शर्त लगाई गई है कि पसंद करने, या क्लिक करने, या पुष्टि करने में सक्षम होने के लिए आपको सदस्यता शुल्क का भुगतान करना होगा, तो यह हराम है; क्योंकि यह जुआ है, क्योंकि आप पैसे का भुगतान करते हैं, इस उम्मीद में कि आपको उससे अधिक मिलेगा। जो हो सकता है प्राप्त हो और हो सकता है प्राप्त न हो। जुआ का अर्थ है : निश्चित हानि और संभावित लाभ।
अल-बुजैरिमी रहिमहुल्लाह ने कहा : “जुआ : वह है जिसका करना संभावित होता है कि उससे लाभ होगा या हानि होगी।” “हाशियतुल-बुजैरिमी अला शर्ह अल-मन्हज” (4/376) से उद्धरण समाप्त हुआ।
शैख इब्ने उसैमीन रहिमहुल्लाह ने कहा :
“यह जुआ – जो कि हर वह लेन-देन है जो हानि और लाभ के दरमियान घूमता है - इसमें शामिल व्यक्ति यह नहीं जानता कि उसे लाभ होगा या वह घाटा उठाएगा, यह सब के सब हराम है, बल्कि वह बड़े पापों में से है। इसकी कुरूपता किसी व्यक्ति से छिपी नहीं है यदि वह देखे कि अल्लाह ने उसे मूर्तियों की पूजा, शराब और पाँसे के तीरों के साथ उल्लेख किया है।” “फतावा इस्लामिय्यह” (4/441) से उद्धरण समाप्त हुआ।
इसके अलावा, यह धन जो आप भुगतान करते हैं उसे अनुमेय निवेश नहीं माना जाएगा ; क्योंकि उसपर निवेश की शर्तें लागू नहीं होती हैं, जो कि ये हैं : (निवेश का) कार्य क्षेत्र अनुमेय होना चाहिए, पूँजी की कोई गारंटी नहीं होनी चाहिए, और उससे प्राप्त होने वाला लाभ, लाभ का प्रतिशत होना चाहिए, उसे पूँजी से नहीं होना चाहिए और न ही एक निर्धारित राशि (यानी एकमुश्त राशि) होनी चाहिए।
यहाँ, अगर पूँजी आपके पास वापस नहीं आती है, तो फिर यह निवेश कहाँ हैॽ! बल्कि, यह जुए की पूँजी है, जैसाकि हमने ऊपर उल्लेख किया है।
यदि पूँजी की गारंटी है, तो इस्लामी शरीयत के अनुसार निवेश अमान्य है।
तथा यदि लाभ को, लाभ के कुछ प्रतिशत के रूप में निर्दिष्ट नहीं किया गया है, तो भी निवेश अमान्य है।
निष्कर्ष :
यह एक हराम लेनदेन है, जिससे बचना अनिवार्य है। यदि इसमें दूसरों को आमंत्रित करना भी शामिल हो जाए, तो यह और भी सख़्त हराम (वर्जित) हो जाएगा।
और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।