हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
रमज़ान के दिन में बालों में तेल लगाने में कोई हर्ज नहीं है और यह रोज़े को प्रभावित नहीं करता है।
शैख इब्ने बाज़ रहिमहुल्लाह (15/259) से पूछा गया : रमज़ान में दिन के समय महिलाओं के लिए सुर्मा (काजल) और कुछ सौंदर्य प्रसाधनों का उपयोग करने का क्या हुक्म हैॽ और क्या इनसे रोज़ा टूट जाएगा या नहींॽ
उन्होंने जवाब दिया :
“विद्वानों के दो मतों में से अधिक सही के अनुसार सुर्मा (काजल) महिलाओं या पुरुषों में से किसी का भी रोज़ा नहीं तोड़ता है, लेकिन रोज़ेदार के लिए इसका उपयोग रात में करना बेहतर है। यही बात चेहरे को सुंदर बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली चीजों पर भी लागू होती है, जैसे साबुन और तेल (लोशन, क्रीम) आदि, जो त्वचा पर बाहरी रूप से लगाई जाती हैं, जिसमें मेहँदी, मेकअप और इसी तरह की चीजें शामिल हैं। रोज़ादार के लिए इन सब का इस्तेमाल करने में कोई हर्ज नहीं है। हालाँकि मेकअप अगर चेहरे के लिए हानिकारक है, तो इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।” उद्धरण समाप्त हुआ।
शैख इब्ने उसैमीन रहिमहुल्लाह ने “फतावा अस-सियाम” (228) में कहा :
“चेहरे पर, या पीठ पर, या किसी भी जगह सभी प्रकार के तेल (लोशन, क्रीम) का इस्तेमाल रोज़ेदार को प्रभावित नहीं करता और न उसका रोज़ा तोड़ता है।” उद्धरण समाप्त हुआ।
तथा स्थायी समिति (10/253) से पूछा गया : क्या रमज़ान के दिन में सुर्मा (काजल) और महिला का तेल इस्तेमाल करना रोज़ा तोड़ देता है या नहींॽ
तो उन्होंने उत्तर दिया :
“जिसने रमज़ान के दिन में रोज़े की हालत में सुर्मा (काजल) लगा लिया, तो उसका रोज़ा बातिल नहीं होगा। और इसी तरह जिसने रमज़ान के दिन में अपने सिर पर तेल लगा लिया, तो उसका रोज़ा बातिल नहीं होगा।”
और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।