हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
जो व्यक्ति ईद की नमाज़ के लिए नमाज़ की जगह (ईदगाह) में प्रवेश करे, वह बैठने से पहले तहिय्यतुल-मस्जिद के रूप में दो रकअत नमाज़ नहीं अदा करेगा; क्योंकि ईदगाह में तहिय्यतुल-मस्जिद पढ़ना नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम और आपके सहाबा रज़ियल्लाहु अन्हुम के अमल के विपरीत है।
और अल्लाह ही तौफ़ीक़ प्रदान करने वाला है, तथा हमारे पैगंबर मुहम्मद, आपके परिवार और साथियों पर अल्लाह की दया एवं शांति अवतरित हो।