हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
मनगढ़ंत त्योहारों जैसे कि ईसाईयों का क्रिसमस, तथा नीरोज़ और महरजान का त्योहार मनाना जाइज़ नहीं है, इसी प्रकार वह त्योहार भी है जिसे मुसलमानों ने स्वयं गढ़ लिया है जैसे कि रबीउल अव्वल में मीलादुन्नबी का जश्न, रजब के महीने में इस्रा व मेराज का जश्न और इसके समान अन्य, तथा उस भोजन से खाना जाइज़ नहीं है जिसे ईसाईयों या मुशरिकों ने अपने त्योहारों के अवसर पर तैयार किया है, तथा उन त्योहारों का जश्न मनाने के समय उनकी दावत को स्वीकार करना जाइज़ नहीं है, क्योंकि उनके निमंत्रण को स्वीकार करना उन्हें प्रोत्साहित करना और उन बिद्अतों (नवाचारों) पर उनको मान्यत देना है,और यह अज्ञानी व अनजाने लोगों के इससे धोखे में पड़ने और यह अक़ीदा रखने का कारण बन सकता है कि इसमें कोई आपत्ति की बात नही है।