हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
आपने जो उल्लेख किया है, उसके साथ दाँतों की कोटिंग करने में कोई हर्ज नहीं है, भले ही वह कोटिंग स्थायी हो, क्योंकि मूल सिद्धांत यह है कि यह अनुमेय है और हम इससे मना करने का कोई शरई कारण नहीं जानते।
और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।