हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
यदि पवित्रता फज्र के निकलने से पूर्व प्राप्त हुई है फिर उसने रोज़ा रखा है तो उसका रोज़ा सही है और पवित्रता को देखने के बाद पीले तरल के निकलने से कोई प्रभाव नहीं पड़ता है ; क्योंकि उम्मे अतिय्या रज़ियल्लाहु अन्हा का फरमान है : (हम लोग पवित्र होने के बाद भूरे और पीले तरल को कुछ नहीं समझते थे।) इसे बुखारी (1/84) और अबू दाऊद (हदीस संख्या : 207) ने रिवायत किया है और हदीस के शब्द उन्हीं के हैं।
और अल्लाह तआला ही तौफीक़ प्रदान करने वाला है, तथा अल्लाह तआला हमारे नबी मुहम्मद, उनकी संतान और साथियों पर दया और शांति अवतरित करे।