हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से प्रमाणित सहीह हदीसों से पता चलता है कि जब भी कोई विश्वस्त व्यक्ति शाबान की तीसवीं रात में या रमज़ान की तीसवीं रात में सूरज डूबने के बाद चाँद देख ले तो चाँद के देखे जाने का एतिबार होगा, और उसके द्वारा महीने के आरंभ को जाना जायेगा। इस बात की कोई आवश्यकता नहीं है कि सूरज डूबने के बाद चाँद के ठहरे रहने की अवधि का एतिबार किया जाए, चाहे वह बीस मिनट हो या उससे कम या उससे अधिक हो। क्योंकि सहीह हदीसों में कोई ऐसी दलील नहीं है जिससे सूरज डूबने के बाद चाँद के गायब होने के लिए कुछ निश्चित मिनटों के निर्धारण का पता चलता हो। और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखने वाला है।