हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
"सर्व प्रथमः हज्ज इफ्राद करने वाले के लिए यौमुन्नह्र (दस ज़ुल-हिज्जा) के दिन तीन काम हैं और वे यह हैं : जमरतुल अक़बा को कंकरी मारना, सिर के बाल मुँडाना या कटवाना, तवाफ इफ़ाज़ा और सई करना यदि उसने तवाफ़ क़ुदूम के बाद सई नहीं की है। रही बात तमत्तुअ और क़िरान करनेवाले की तो क़िरान करनेवाले का एक अधिक काम हदी के जानवर की क़ुर्बानी करना तथा तमत्तुअ करनेवाले का एक अधिक काम तवाफ़ इफ़ाज़ा के बाद सई करना है।
दूसराः ये सभी काम क्रम में होंगेः कंकड़ मारना, फिर क़ुर्बानी करना, फिर सिर के बाल मुँडाना या कटवाना, फिर तवाफ़ और सई करना। नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का अनुसरण करते हुए यही सर्वश्रेष्ठ है। क्योंकि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने कंकड़ मारा फिर क़ुर्बानी की फिर अपना सिर मुँडाया, फिर आयशा रज़ियल्लाहु अन्हा ने आपको सुगंध लगाया, फिर आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने बैतुल्लाह का तवाफ़ इफ़ाज़ा किया। आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से इन चीज़ों की तर्तीब (क्रम) के बारे में पूछा गया और यदि किसी व्यक्ति ने किसी काम को किसी दूसरे से पहले कर दिया (तो उसका क्या हुक्म है) तो आप ने फरमायाः (कोई हर्ज नहीं, कोई बात नहीं)।
तीसरा: जिस व्यक्ति ने क़ुर्बानी के अलावा दो काम कर लिए तो उसे पहला तहल्लुल प्राप्त हो जाएगा और इस प्रकार उसके लिए औरतों के सिवाय हर वह चीज़ हलाल हो जाएगी जो एहराम की वजह से हराम (प्रतिबंधित) हो गई थी। और गर उसने तीनों काम कर लिए तो उसके लिए हर चीज़ हलाल हो जाएगी यहाँ तक कि औरतें भी। इसके बारे में बहुत सारी हदीसें हैं जो उस बात को इंगित करती हैं जिसका हमने उल्लेख किया है।
और अल्लाह तआला ही तौफीक़ प्रदान करने वाला है। तथा अल्लाह तआला हमारे पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम, आपके परिवार और आपके साथियों पर दया और शांति अवतरित करे।"
इफ्ता और वैज्ञानिक अनुसंधान की स्थायी समिति
शैख अब्दुल अज़ीज़ बिन अब्दुल्लाह बिन बाज़, शैख अब्दुल्लाह बिन गुदैयान
फतावा स्थायी समिति (11/349)