हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
महिला के लिए तथा पुरुषों में से जिसके बाल लंबे हैं, उसके लिए वुज़ू में मसह करने का तरीक़ा यह है जो रुबैयि बिंत मुअव्विज़ रज़ियल्लाहु अन्हा की हदीस में वर्णित है, जैसाकि अहमद (हदीस संख्या : 26484) और अबू दाऊद (हदीस संख्या : 128) ने उनसे रिवायत किया है, वह कहती हैं कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने उनके पास वुज़ू किया, तो आपने अपने पूरे सिर का मसह किया, इस प्रकार कि सिर के किनारे (या ऊपरी हिस्से) से शुरू करते और हर तरफ निचले हिस्से तक लाते, आप बालों को उसकी स्थिति से नहीं हिलाते थे।'' इसे अलबानी ने सहीह अबू दाऊद में हसन कहा है।
यहाँ पर "सिर के किनारे" से अभिप्राय सिर का शीर्ष है, यानी सिर के ऊपरी हिस्से से मसह करना शुरू करते हुए नीचे तक ले जाते।
अल-इराकी ने कहा : इसका मतलब यह है कि आप सिर के ऊपरी हिस्से से मसह करना शुरू करते थे यहाँ तक कि उसके निचले हिस्से तक लाते थे और ऐसा आप उसके प्रत्येक तरफ अलग-अलग करते थे।'' औनुल माबूद से उद्धरण समाप्त हुआ।
मसह करने के तरीक़े के संबंध में एक और प्रसिद्ध तरीक़ा भी वर्णित है और वह यह है कि मनुष्य अपने हाथों से अपने बालों का मसह करे सिर के अगले हिस्से से शुरू करे और उसके पीछे (गुद्दी) तक ले जाए। फिर दोनों हाथों को उसी स्थान पर वापस लाए, जहाँ से शुरू किया था।
लेकिन इस विधि से बाल बिखर जाएँगे, इसलिए महिला के लिए पसंदीदा तरीक़ा यह है कि वह पहले तरीक़े के अनुसार मसह करे, या अपने सिर के अगले से मसह शुरू करे और उसके पीछे तक ले जाए, और अपने हाथों को दोबारा वापस न लाए। यह अर-रुबैयि की हदीस की एक अन्य व्याख्या है। तथा प्रश्न संख्या (45867) का उत्तर देखें।
इब्ने क़ुदामा रहिमहुल्लाह ने अल-मुग़नी (1/87) में कहा : ''यदि वह बालों वाला है जिसे इस बात का डर है कि अगर वह अपने दोनों हाथों को सिर के पीछे से वापस लैटाएगा तो उसके बाल बिखर जाएँगे, तो वह उन्हें वापस नहीं लौटाएगा। इमाम अहमद ने इसे स्पष्ट रूप से कहा है। क्योंकि उनसे कहा गया था कि : जिस व्यक्ति के कंधों तक बाल हों, वह वुज़ू में सिर का मसह कैसे करेगाॽ तो इमाम अहमद अपने दोनों हाथों को अपने सिर पर एक बार आगे से पीछे लाए और कहा : इस तरह, इस डर से कि उसके बाल बिखर न जाएँ। अर्थात्, वह अपने हाथों को मसह करते हुए अपने सिर के पीछे (गुद्दी) तक लाएगा और उन्हें फिर से आगे नहीं वापस लाएगा।
तथा यदि वह चाहे तो उसी तरह अपने सिर का मसह करे, जैसा कि अल-रुबैयि से वर्णित है कि (अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने उनके घर में वुज़ू किया, तो आपने अपने पूरे सिर का मसह किया, बालों की मांग (निकालने की जगह) से शुरू करते हुए हर तरफ बालों के निचले हिस्से तक लाए, आप बालों को उनकी स्थिति से हिलाते नहीं थे।) इसे अबू दाऊद ने रिवायत किया है। इमाम अहमद से पूछा गया : एक महिला को अपने बालों का कैसे मसह करना चाहिएॽ तो उन्होंने कहा : इस तरह। और उन्होंने अपना हाथ अपने सिर के बीच में रखा, फिर उसे आगे की ओर लाए। फिर उन्होंने उसे उठा लिया और जहाँ से शुरू किया था, वहीँ रख दिया, फिर उसे पीछे की ओर ले गए। वह अनिवार्य मात्रा का मसह करने के बाद जिस तरह भी मसह करे, उसके लिए पर्याप्त होगा।'' उद्धरण समाप्त।
और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।