हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
मासिक धर्म वाली महिला का रोज़ा रखना सही (मान्य) नहीं है और न ही उसके लिए रोज़ा रखना जायज़ है। जब वह अपने मासिक धर्म की अवधि में होगी, तो वह रोज़ा रखना बंद कर देगी और पवित्र होने के बाद उन दिनों के स्थान पर रोज़ा रखेगी जिन दिनों का उसने रोज़ा नहीं रखा था।