हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
अगर पति अपने साले से कहता है : “तेरी बहन को तलाक़ है। और उसका अभिप्राय उसकी पत्नी है, तो यह ऐसे ही है जैसे वह कहे : “मेरी औरत को तलाक़ है”, या “मेरी पत्नी को तलाक़ है।”, अतः तलाक़ हो जाएगा। तलाक़ में यह शर्त नहीं है कि वह पत्नी के सामने हो या पत्नी उसे सुनती हो।
यहाँ जो तलाक़ होता है : वह एकल तलाक़ होता है। इसलिए पति को इद्दत के दौरान अपनी पत्नी को वापस लौटाने का अधिकार है, अगर यह पहला या दूसरा तलाक़ था।
और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।