हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
“तवाफ और सई के बीच अतंराल की कोई निश्चित समय सीमा नहीं है। क्योंकि उन्हें निरंतर एक के बाद एक करना शर्त (आवश्यक) नहीं है। लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं कि बेहतर यह है कि जब कोई व्यक्ति तवाफ कर ले, तो सई करे। क्योंकि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने अपना तवाफ करने के बाद सीधे अपनी सई की। लेकिन अगर कोई व्यक्ति इसमें देर करे, चुनाँचे वह दिन की शुरुआत में तवाफ़ करे और दिन के अंत में सई करे, या एक या दो दिन के बाद करे, तो इसमें उसके लिए कोई हर्ज नहीं है। क्योंकि तवाफ़ और सई को लगातार एक के बाद एक करना वाजिब नहीं है।” उद्धरण समाप्त हुआ।
“मजमूओ फ़तावा इब्ने उसैमीन” (22/421)