हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
मुसलमान के लिए बेहतर यह है कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का पालन करते हुए पूरे अंतिम दस दिनों का एतिकाफ़ करे। बुखारी और मुस्लिम ने आयशा रज़ियल्लाहु अन्हा से रिवायत किया है कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम रमज़ान के अंतिम दस दिनों का एतिकाफ़ किया करते थे, यहाँ तक कि अल्लाह ने आपको मृत्यु दे दी।” इसे बुखारी (हदीस संख्या : 2025) और मुस्लिम (हदीस संख्या : 1171) ने रिवायत किया है।
यदि उसके लिए पूरे अंतिम दस दिनों का एतिफाक़ करना संभव नहीं है और वह उसके कुछ दिनों या उसकी कुछ रातों तक ही सीमित रहता है, तो इसमें कोई आपत्ति की बात नहीं है। क्योंकि बुखारी ने वर्णन किया है कि उमर बिन खत्ताब रज़ियल्लाहु अन्हु ने मस्जिदे हराम में एक रात एतिकाफ़ करने की मन्नत मानी थी। तो नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने उन्हें हुक्म दिया की वह अपनी मन्नत पूरी करें। इसे बुखारी (हदीस संख्या : 2042) और मुस्लिम (हदीस संख्या : 1656) ने रिवायत किया है। इसमें इस बात का प्रमाण है कि एक रात का एतिकाफ़ सही है।
तथा प्रश्न संख्या (38037) के उत्तर में उल्लेख किया जा चुका है कि एतिकाफ़ की कोई न्यूनतम सीमा नहीं है और हमने इसके बारे में शैख इब्ने बाज़ का फतवा उद्धृत किया है।
हालाँकि आदमी को चाहिए कि इन दस दिनों के दौरान इबादत में कड़ी मेहनत करे और जितना हो सके नेकी कमाने का प्रयास करे।
और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।